zakhm dene ka aandaz kuch aisa hai
zakhm dekar puchte hai ab haal kaisa hai
Zeher dekar kehte hai peena hi hoga
jab pi gaye zeher to kehte hai ab jeena hi hoga
ज़ख्म देने का अंदाज़
ज़ख्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा है
ज़ख्म देकर पुछते है अब हाल कैसा है
ज़हर देकर कहते है पीना ही होगा
जब पी गये ज़हर तो कहते है अब जीना भी होगा